कॉमनवेल्थ गेम्स में मध्यप्रदेश के तीन खिलाड़ी भाग ले रहे हैं। इनमें दो एथलीट अंकित शर्मा और संदीप बाथम तथा भारतीय हॉकी टीम के स्टार खिलाड़ी शिवेंद्र सिंह शामिल हैं। इसके अलावा दो तैराक विनीता पाठक और सचिन वर्मा भी पैरालंपिक में राज्य का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं।
अंकित शर्मा इस समय भारतीय टीम के साथ लंबी कूद के अभ्यास में जुटे हैं। अंकित का कहना है कि वह कॉमनवेल्थ खेलों के लिए पिछले एक साल से लगातार अभ्यास कर रहे हैं। अंकित को भरोसा है कि वह आठ मीटर लंबी छलांग लगाने की स्थिति में आ गए है।
अंकित लंबी कूद में राष्ट्रीय चैंयिपन हैं। उनका मानना है कि आस्ट्रेलिया के प्रतिद्वंद्वी के अलावा भारत के माह सिंह भी स्वर्ण पदक के दावेदार हैं। अंकित के अनुसार वह देश और प्रदेश के लिए पदक जीतना चाहते हैं और भगवान की मर्जी हुई तो वह अपने लक्ष्य को पाने में सफल रहेंगे।
मध्यप्रदेश में मुरैना के रहने वाले अंकित इस समय भारतीय खेल प्राधिकरण के भोपाल सेंटर में अभ्यास कर रहे हैं। वे अपनी सफलता का श्रेय कोच सुरेंद्र पाल सिंह और एन.वी. निषाद को देते है। अंकित ने कहा कि कोच सुरेंद्र पाल ने मेरी छोटी-छोटी कमियों को दूर किया है और उन्होंने जो कुछ भी सम्मान प्राप्त किया है वह सब कोच की देन है। 5000 मीटर दौड़ के धावक संदीप बाथम मूल रूप से उत्तर प्रदेश के हैं लेकिन 2002 से मध्य प्रदेश के लिए खेल रहे हैं।
एशियाई चैंपियनशिप सहित कई अंतर्राष्ट्रीय स्पर्धाओं में भारतीय टीम का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। संदीप का कहना है कि मुझे पूरी उम्मीद है कि मैं देश के लिए पदक जीतने में सफल रहूंगा। मैंने इसके लिए बहुत तैयारी की है। बेंगलुरु में आयोजित राष्ट्रीय कैंप में बहुत कुछ सीखने का मौका मिला है और मैं इसका लाभ कॉमनवेल्थ गेम्स में उठाने का प्रयास करूंगा।
भारतीय टीम के स्टार हॉकी खिलाड़ी शिवेंद्र सिंह पर सभी की निगाहें होंगी। शिवेंद्र ने अजलान शाह हॉकी टूर्नामेंट और विश्व कप में शानदार प्रदर्शन किया है। प्रशंसकों को उनसे उम्मीद है कि कॉमनवेल्थ गेम्स में भी वह देश के लिए शानदार प्रदर्शन करेंगे। शिवेंद्र ने कहा कि हमारी टीम बहुत मेहनत कर रही है। हम एक टीम के रूप में खेल रहे है।
कप्तान राजपाल सिंह सभी को प्रोत्साहित कर रहे हैं। शिवेंद्र ने कहा कि हमारे लिए सबसे बड़ी चुनौती आस्ट्रेलिया और इग्लैंड हैं। न्यूजीलैंड भी हमारे सामने मुश्किल खड़ी कर सकता है। शिवेंद्र ने कहा कि विश्व कप में हमारी टीम अच्छा प्रदर्शन नहीं कर सकी थी लेकिन इस बार कॉमनवेल्थ गेम्स में अपने देश में अपने प्रशंसकों के सामने हम बेहतर प्रदर्शन कर देश को पदक दिलाने का पूरा प्रयास करेंगे।
सेना के निशानेबाज - भारतीय सेना द्वारा अपने मिशन ओलिम्पिक गोल्ड मैडल के लिए महू स्थित आर्मी मार्क्समैनशिप यूनिट (एएमयू) में निशानेबाज तैयार किए जाते हैं। देश के कोने-कोने से प्रतिभाशाली निशानेबाजों को चुनकर एएमयू में देशी-विदेशी प्रशिक्षकों की निगरानी में प्रशिक्षण दिया जाता है। इन निशानेबाजों में से कुछ कॉमनवेल्थ गेम्स में भारत का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। इन निशानेबाजों की जन्मस्थली मध्यप्रदेश भले ही नहीं हो लेकिन कर्मस्थली मध्यप्रदेश है। इस लिहाज से उनकी सफलता पर प्रदेश में भी खुशी मनाई जाती है।
विनीता-सचिन दावेदार- तैराकी में भारत ने अब तक कोई पदक नहीं जीता है लेकिन पैरालंपिक में भारत पदक जीतने का दावेदार है। मध्य प्रदेश में ग्वालियर की विनिता पाठक और जबलपुर के सचिन वर्मा ने विश्वास के साथ कहा कि वे भारत के लिए पदक जीतने में सफल रहेंगे। विनिता को इस साल खेलों में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए मध्यप्रदेश सरकार ने राज्य के सर्वोच्च खेल सम्मान विक्रम अवार्ड से सम्मानित किया है। विनिता ने कहा कि देश के लिए खेलना गौरव की बात है और मैं पूरी कोशिश करूंगी की देश के लिए पदक जीत सकूं।
अंकित शर्मा इस समय भारतीय टीम के साथ लंबी कूद के अभ्यास में जुटे हैं। अंकित का कहना है कि वह कॉमनवेल्थ खेलों के लिए पिछले एक साल से लगातार अभ्यास कर रहे हैं। अंकित को भरोसा है कि वह आठ मीटर लंबी छलांग लगाने की स्थिति में आ गए है।
अंकित लंबी कूद में राष्ट्रीय चैंयिपन हैं। उनका मानना है कि आस्ट्रेलिया के प्रतिद्वंद्वी के अलावा भारत के माह सिंह भी स्वर्ण पदक के दावेदार हैं। अंकित के अनुसार वह देश और प्रदेश के लिए पदक जीतना चाहते हैं और भगवान की मर्जी हुई तो वह अपने लक्ष्य को पाने में सफल रहेंगे।
मध्यप्रदेश में मुरैना के रहने वाले अंकित इस समय भारतीय खेल प्राधिकरण के भोपाल सेंटर में अभ्यास कर रहे हैं। वे अपनी सफलता का श्रेय कोच सुरेंद्र पाल सिंह और एन.वी. निषाद को देते है। अंकित ने कहा कि कोच सुरेंद्र पाल ने मेरी छोटी-छोटी कमियों को दूर किया है और उन्होंने जो कुछ भी सम्मान प्राप्त किया है वह सब कोच की देन है। 5000 मीटर दौड़ के धावक संदीप बाथम मूल रूप से उत्तर प्रदेश के हैं लेकिन 2002 से मध्य प्रदेश के लिए खेल रहे हैं।
एशियाई चैंपियनशिप सहित कई अंतर्राष्ट्रीय स्पर्धाओं में भारतीय टीम का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। संदीप का कहना है कि मुझे पूरी उम्मीद है कि मैं देश के लिए पदक जीतने में सफल रहूंगा। मैंने इसके लिए बहुत तैयारी की है। बेंगलुरु में आयोजित राष्ट्रीय कैंप में बहुत कुछ सीखने का मौका मिला है और मैं इसका लाभ कॉमनवेल्थ गेम्स में उठाने का प्रयास करूंगा।
भारतीय टीम के स्टार हॉकी खिलाड़ी शिवेंद्र सिंह पर सभी की निगाहें होंगी। शिवेंद्र ने अजलान शाह हॉकी टूर्नामेंट और विश्व कप में शानदार प्रदर्शन किया है। प्रशंसकों को उनसे उम्मीद है कि कॉमनवेल्थ गेम्स में भी वह देश के लिए शानदार प्रदर्शन करेंगे। शिवेंद्र ने कहा कि हमारी टीम बहुत मेहनत कर रही है। हम एक टीम के रूप में खेल रहे है।
कप्तान राजपाल सिंह सभी को प्रोत्साहित कर रहे हैं। शिवेंद्र ने कहा कि हमारे लिए सबसे बड़ी चुनौती आस्ट्रेलिया और इग्लैंड हैं। न्यूजीलैंड भी हमारे सामने मुश्किल खड़ी कर सकता है। शिवेंद्र ने कहा कि विश्व कप में हमारी टीम अच्छा प्रदर्शन नहीं कर सकी थी लेकिन इस बार कॉमनवेल्थ गेम्स में अपने देश में अपने प्रशंसकों के सामने हम बेहतर प्रदर्शन कर देश को पदक दिलाने का पूरा प्रयास करेंगे।
सेना के निशानेबाज - भारतीय सेना द्वारा अपने मिशन ओलिम्पिक गोल्ड मैडल के लिए महू स्थित आर्मी मार्क्समैनशिप यूनिट (एएमयू) में निशानेबाज तैयार किए जाते हैं। देश के कोने-कोने से प्रतिभाशाली निशानेबाजों को चुनकर एएमयू में देशी-विदेशी प्रशिक्षकों की निगरानी में प्रशिक्षण दिया जाता है। इन निशानेबाजों में से कुछ कॉमनवेल्थ गेम्स में भारत का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। इन निशानेबाजों की जन्मस्थली मध्यप्रदेश भले ही नहीं हो लेकिन कर्मस्थली मध्यप्रदेश है। इस लिहाज से उनकी सफलता पर प्रदेश में भी खुशी मनाई जाती है।
विनीता-सचिन दावेदार- तैराकी में भारत ने अब तक कोई पदक नहीं जीता है लेकिन पैरालंपिक में भारत पदक जीतने का दावेदार है। मध्य प्रदेश में ग्वालियर की विनिता पाठक और जबलपुर के सचिन वर्मा ने विश्वास के साथ कहा कि वे भारत के लिए पदक जीतने में सफल रहेंगे। विनिता को इस साल खेलों में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए मध्यप्रदेश सरकार ने राज्य के सर्वोच्च खेल सम्मान विक्रम अवार्ड से सम्मानित किया है। विनिता ने कहा कि देश के लिए खेलना गौरव की बात है और मैं पूरी कोशिश करूंगी की देश के लिए पदक जीत सकूं।
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