अपने करिअर में कई उतार-चढ़ाव झेलने के बावजूद सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले दक्षिण अफ्रीका के विश्व रिकॉर्डधारी ओलिंपिक स्वर्ण पदक विजेता तैराक रोलैंड शूमैन के प्रेरणास्रोत कोई और नहीं बल्कि चैम्पियन बल्लेबाज सचिन तेंडुलकर हैं।
एथेंस ओलिंपिक में एक स्वर्ण, एक रजत और एक काँस्य पदक जीतने वाले तीन बार के ओलिंपियन शूमैन ने कहा कि मैं क्रिकेट का शौकीन हूँ और सचिन मेरे पसंदीदा खिलाड़ी हैं। सचिन, ब्रायन लारा और माइकल फेल्प्स हर खिलाड़ी के लिए प्रेरणास्रोत हैं। ये ऐसे खिलाड़ी हैं जो अपने दम पर खेल का नक्शा बदलने और देश को एकजुट करने में माहिर हैं।
पचास मीटर फ्रीस्टाइल में विश्व रिकॉर्ड बनाने वाले शूमैन ने मेलबोर्न राष्ट्रमंडल खेलों में दो स्वर्ण पदक जीते थे। इसके बाद वह बेहतरीन प्रदर्शन नहीं कर सके लेकिन उन्होंने इस बात से इनकार किया कि निकट भविष्य में वह संन्यास लेने वाले हैं।
तीस बरस के इस खिलाड़ी ने कहा कि इसमें भी मैं सचिन का उदाहरण देना चाहूँगा। वह 20 साल से खेल रहे हैं लेकिन उनकी रनों की भूख कम नहीं हुई। उन्होंने भी करिअर में कई उतार-चढ़ाव देखे लेकिन हर बार अपने बल्ले से आलोचकों को जवाब दिया। मेरा इरादा भी लंदन ओलिंपिक 2012 में अपने देश के लिए और पदक जीतने का है।
पहली बार भारत आए शूमैन की ख्वाहिश तेंडुलकर से मिलने और ताजमहल देखने की है लेकिन इसके लिए उन्हें दोबारा यहाँ आना होगा। उन्होंने कहा कि 1992-93 में भारतीय टीम जब दक्षिण अफ्रीका आई थी तब मैं सिर्फ 12 साल का था लेकिन तभी से तेंडुलकर की बल्लेबाजी का मुरीद हूँ।
भारतीय तैराकों के सलाहकार बनने के इच्छुक शूमैन ने कहा कि भारत में तैराकी का भविष्य उन्हें उज्जवल नजर आता है। उन्होंने कहा कि मैने विक्टोरिया में भारतीय तैराकों को अभ्यास करते देखा है। वे काफी प्रतिभाशाली हैं और भविष्य में मौका मिलने पर मैं उन्हें टिप्स देना चाहूँगा।
एथेंस ओलिंपिक में एक स्वर्ण, एक रजत और एक काँस्य पदक जीतने वाले तीन बार के ओलिंपियन शूमैन ने कहा कि मैं क्रिकेट का शौकीन हूँ और सचिन मेरे पसंदीदा खिलाड़ी हैं। सचिन, ब्रायन लारा और माइकल फेल्प्स हर खिलाड़ी के लिए प्रेरणास्रोत हैं। ये ऐसे खिलाड़ी हैं जो अपने दम पर खेल का नक्शा बदलने और देश को एकजुट करने में माहिर हैं।
पचास मीटर फ्रीस्टाइल में विश्व रिकॉर्ड बनाने वाले शूमैन ने मेलबोर्न राष्ट्रमंडल खेलों में दो स्वर्ण पदक जीते थे। इसके बाद वह बेहतरीन प्रदर्शन नहीं कर सके लेकिन उन्होंने इस बात से इनकार किया कि निकट भविष्य में वह संन्यास लेने वाले हैं।
तीस बरस के इस खिलाड़ी ने कहा कि इसमें भी मैं सचिन का उदाहरण देना चाहूँगा। वह 20 साल से खेल रहे हैं लेकिन उनकी रनों की भूख कम नहीं हुई। उन्होंने भी करिअर में कई उतार-चढ़ाव देखे लेकिन हर बार अपने बल्ले से आलोचकों को जवाब दिया। मेरा इरादा भी लंदन ओलिंपिक 2012 में अपने देश के लिए और पदक जीतने का है।
पहली बार भारत आए शूमैन की ख्वाहिश तेंडुलकर से मिलने और ताजमहल देखने की है लेकिन इसके लिए उन्हें दोबारा यहाँ आना होगा। उन्होंने कहा कि 1992-93 में भारतीय टीम जब दक्षिण अफ्रीका आई थी तब मैं सिर्फ 12 साल का था लेकिन तभी से तेंडुलकर की बल्लेबाजी का मुरीद हूँ।
भारतीय तैराकों के सलाहकार बनने के इच्छुक शूमैन ने कहा कि भारत में तैराकी का भविष्य उन्हें उज्जवल नजर आता है। उन्होंने कहा कि मैने विक्टोरिया में भारतीय तैराकों को अभ्यास करते देखा है। वे काफी प्रतिभाशाली हैं और भविष्य में मौका मिलने पर मैं उन्हें टिप्स देना चाहूँगा।
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