करण जौहर की ‘वी आर फैमिली’ फिल्म हालांकि विदेशी लोकेशन, आकषर्क परिधान और संवादों से सजी हुई है, लेकिन इसमें कुछ भी नयापन नहीं है.
बहुत दिनों बाद डायलॉग्स के लिहाज से इतनी खूबसूरत फिल्म ‘वंस अपॉन अ टाइम इन मुंबई’ देखने को मिली है. संवाद लेखक रजत अरोड़ा पर जैसे कोई रूह उतर आई हो. कमोबेश हर लाइन फिल्म की पूरी कहानी का साया ओढ़े हुए. दिलोदिमाग को छूकर निकलती हुई.
उड़ान
निर्देशकः विक्रमादित्य मोटवानी
कलाकारः रजत बारमेचा, अयन बोर्दिया, रोनित रॉय, राम कपूर
उड़ान सही मायनों में एक उम्र विशेष की परिभाषा है, बल्कि यूं कहें कि उस उम्र की मनस्थितियों, उसके अंतर्द्वंद्व की परिभाषा. वयस्क होते एक किशोर रोहन (रजत) को शिमला के एक स्कूल से निकाल दिया जाता है, दोस्तों के साथ हॉस्टल से भागकर कांति शाह के अंगूर नाम की एडल्ट फिल्म देखने के इल्जाम में.
निर्देशकः विक्रमादित्य मोटवानी
कलाकारः रजत बारमेचा, अयन बोर्दिया, रोनित रॉय, राम कपूर
उड़ान सही मायनों में एक उम्र विशेष की परिभाषा है, बल्कि यूं कहें कि उस उम्र की मनस्थितियों, उसके अंतर्द्वंद्व की परिभाषा. वयस्क होते एक किशोर रोहन (रजत) को शिमला के एक स्कूल से निकाल दिया जाता है, दोस्तों के साथ हॉस्टल से भागकर कांति शाह के अंगूर नाम की एडल्ट फिल्म देखने के इल्जाम में.
तेरे बिन लादेन
निर्देशकः अभिषेक शर्मा
कलाकारः अली जफर, पीयूष मिश्र, सुगंधा गर्ग, प्रद्युम्न सिंह
यह खुराफात प्रधान सिचुएशनल कॉमेडी है. मॉडर्न, मौलिक और मस्त. खोसला का घोंसला और भेजा फ्राइ की कड़ी वाली. हालांकि तीनेक महीने पहले आई क्रिस मॉरिस की फोर लॉयंस में चार आतंकवादियों की बेवकूफाना हरकतों से हास्य पैदा किया गया है लेकिन यह आतंकवाद पर हास्य का एशियाई संस्करण.
निर्देशकः अभिषेक शर्मा
कलाकारः अली जफर, पीयूष मिश्र, सुगंधा गर्ग, प्रद्युम्न सिंह
यह खुराफात प्रधान सिचुएशनल कॉमेडी है. मॉडर्न, मौलिक और मस्त. खोसला का घोंसला और भेजा फ्राइ की कड़ी वाली. हालांकि तीनेक महीने पहले आई क्रिस मॉरिस की फोर लॉयंस में चार आतंकवादियों की बेवकूफाना हरकतों से हास्य पैदा किया गया है लेकिन यह आतंकवाद पर हास्य का एशियाई संस्करण.
लम्हा
निर्देशकः राहुल ढोलकिया
कलाकारः संजय दत्त, बिपाशा बसु, अनुपम खेर, कुणाल कपूर
लम्हा बेचैन करने वाली फिल्म है. आईने की तरह ठीक सामने खड़े होकर सवाल पूछने वाली. दुनिया की ''सबसे खतरनाक और खूबसूरत'' जगह कश्मीर से जुड़े तमाम असहज सवालों का दृश्यपाठ करके उनका जवाब खोजने को हमें अकेला छोड़ जाती है.
निर्देशकः राहुल ढोलकिया
कलाकारः संजय दत्त, बिपाशा बसु, अनुपम खेर, कुणाल कपूर
लम्हा बेचैन करने वाली फिल्म है. आईने की तरह ठीक सामने खड़े होकर सवाल पूछने वाली. दुनिया की ''सबसे खतरनाक और खूबसूरत'' जगह कश्मीर से जुड़े तमाम असहज सवालों का दृश्यपाठ करके उनका जवाब खोजने को हमें अकेला छोड़ जाती है.
इस साल के पहले छह महीनों में हिंदी सिनेमा में ‘काइट्स’, ‘रावण’ और ‘वीर’ जैसी कई बड़ी फिल्में अपेक्षित सफलता हासिल नहीं कर सकीं और ज्यादा प्रचार के बाद भी दर्शकों को फिल्मों से निराशा ही हाथ लगती दिखी.
सिटी ऑफ गोल्ड की आधार कहानी है मुंबई के एक रिटायर मिल मजदूर अन्ना का परिवार. पत्नी के अलावा कमेंटरी सुनते-सुनते सट्टेबाजी तक पहुंच बर्बाद हुआ बेटा मोहन, शूटरों के शिकंजे में जा फंसा दबंग बेटा नरू.
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