hiudaipur

Oct 16, 2010

सेलिब्रेशन के माहौल में रो रहा था शेरा!

एक तरफ कॉमनवेल्थ गेम्स की क्लोजिंग सेरेमनी का सेलिब्रेशन हो रहा था और लोग नाच गा रहे थे वहीं एक शख्स ऐसा भी था
जो इस सेलिब्रेशन का अहम पार्ट होते हुए भी दुखी था। वह शख्स था गेम्स मैस्कट शेरा के चेहरे के पीछे छुपा सतीश बिडला। कई महीनों से शेरा की जिंदगी जी रहे सतीश अब खुद को शेरा की पहचान से अलग नहीं करना चाहते। शेरा का साथ छूटते ही वह फूट-फूटकर रोने लगे।

23 साल के चंडीगढ़ निवासी सतीश बिडला ने पिछले क्रिसमस को पहली बार शेरा की ड्रेस पहनी थी और तबसे वह कॉमनवेल्थ गेम्स का ऑफिशल मैस्कट शेरा बन गए। गेम्स के प्रमोशन के हर प्रोग्राम में शेरा शामिल रहा। अपनी क्यूट अदाओं और मस्त चाल से शेरा ने हर किसी का दिल जीता। शेरा ने गेम्स के दौरान खूब नए दोस्त बनाए।

8 किलो वजन वाली ड्रेस पहनकर शेरा बनने वाले सतीश ने कहा कि मुझे कभी थकान का एहसास नहीं हुआ। 10-12 घंटे भी मैं लगातार शेरा की ड्रेस में रहा हूं मुझे इस ड्रेस से इतना लगाव हो गया कि मैं अपनी पहचान ही भूलने लगा। मुझे यह लगता रहा कि मैं शेरा हूं। शेरा बनकर मुझे कई नए दोस्त मिले और मैंने शेरा की भूमिका को बखूबी निभाया। जबसे शेरा बना हूं तब से लेकर क्लोजिंग सेरेमनी में मैं लगातार चहकता रहा लोगों से मिलता रहा और दोस्ती करता रहा। क्लोजिंग सेरेमनी के दिन भी मैं शाम तक बेहद खुश था जब शेरा की ड्रेस पहनी तब भी मैं हंसी मजाक कर रहा था। लेकिन जब सिंगर शान के साथ ओपन ऑटो में बैठा और शान ने गाना शुरू किया तो मेरा दिल भर आया।

'तूने जीना सिखाया मिलजुल कर...तूने हंसना सिखाया...तू ही है इंडिया का चेहरा...ओ शेरा...गुड बाय...ओ शेरा....तू याद आएगा ओ शेरा...' ये लाइनें सुनकर मैं फूट फूट कर रोने लगा। बाहर से दुनिया को शेरा का हंसता मुस्कुराता चेहरा दिख रहा था जो सबको अलविदा कर रहा था लेकिन उस शेरा की ड्रेस के अंदर में रो रहा था। मेरे साथ शान भी रोए।

सतीश ने कहा कि शेरा को अलविदा कहना मेरे लिए ऐसा अनुभव था जो मैं शब्दों में नहीं बता सकता। जिस पहचान के साथ इतने महीनों से रह रहा था वह पहचान छोड़ देना इतना आसान नहीं होता। मुझे शेरा की तरह बिताए हर पल याद आ रहे हैं। मैं गुरुवार शाम से ही बहुत उदास हूं। किसी से बात भी नहीं कर रहा। बस बाय बाय शेरा वाला विडियो देख रहा हूं और रो रहा हूं। हालांकि मैं सच भी जानता हूं कि अब गेम्स खत्म हो गए हैं पर उस पर यकीन कर पाना मुश्किल है। जो शेरा कल तक खूब मस्त रहता था अब बिल्कुल चुप हो गया है। सतीश ने कहा कि फिलहाल तो मैं ऑर्गनाइजिंग कमिटी के साथ ही काम कर रहा हूं। एक-डेढ़ महीने में जब यहां कॉन्ट्रैक्ट पूरा हो जाएगा तब दूसरी नौकरी तलाशूंगा। वैसे मुझे उम्मीद है कि ओसी के साथी मेरी मदद करेंगे।

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